शैलेष मटियानी राज्य शैक्षिक पुरस्कार -2018 के लिए चुने गए नैनीताल जिले के प्रधानाध्यापक शंभु दयाल साह ने दुर्गम क्षेत्र में स्थित अपने स्कूल को संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सड़क मार्ग से एक किलोमीटर पैदल दूरी पर स्थित विद्यालय को 2007 में जिले का स्वच्छता पुरस्कार दिलवाया। इतना ही नहीं, लॉक डाउन के दौरान जब बच्चों को किताबों की सबसे अधिक जरूरत थी तब प्रधानाध्यापक साह ने खुद घर-घर जाकर निशुल्क किताबें भी बांटी।
शंभु दयाल साह वर्तमान में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सल्यूड़ा में प्रधानाध्यापक हैं। यहां वर्तमान में कक्षा छह से दस तक 75 बच्चे अध्ययनरत हैं। 13 अक्टूबर 2017 को हल्द्वानी स्थित राजकीय इंटर कॉलेज राजपुरा से प्रमोशन पाकर वे सल्यूड़ा पहुंचे। अति दुर्गम क्षेत्र में आने वाले इस विद्यालय में न तो कोई लिपिक श्रेणी का कर्मचारी है और न ही चतुर्थ श्रेणी कर्मी।
साह खुद ही विद्यालय के सभी काम करते हैं। प्रधानाध्यापक साह के समर्पण का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लॉक डाउन के दौरान उन्होंने आठवीं कक्षा की अंग्रेजी मीडियम की किताबें हल्द्वानी के मंगवाकर बच्चों को घर घर जाकर बांटी। प्रत्येक कक्षा के बच्चों को छह-छह कॉपियां भी निश्शुल्क दी।
प्रोजेक्टर से होती है पढ़ाई
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सल्यूड़ा में छठी से दसवीं तक की पढ़ाई प्रोजेक्टर के माध्यम से होती है। प्रधानाध्यापक साह ने सरकारी इमदाद न मिलने पर विद्यालय में जनप्रतिनिधियों की मदद कंप्यूटर, डीटीएच, टेलीविजन की व्यवस्था की। स्कूल में शतरंज, बैडमिंटन के लिए स्पोर्ट्स रूम बनवाया। हाल ही में एक बच्चे को लैपटॉप भी दिया।
विभागीय दायित्व निभाने में भी अग्रणी
साह शिक्षा के साथ साथ विभागीय दायित्वों के निर्वहन में भी हमेशा अग्रणी भूमिका में रहते हैं। वे जिले में होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भी सहयोग देते हैं। जिले में बोर्ड और गृह परीक्षाओं का भी संचालन करते हैं।