धनतेरस पर दीपदान का भी विशेष महत्व
धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है | हर साल यह दीपावली के दिन के 2 दिन पहले मनाया जाता है , मगर इस वर्ष छोटी दीपावली और धनतेरस का त्योहार एक ही दिन 13 नवम्बर को माना जा रहा है | धनतेरस के दिन लोग खरीदारी करते है और धन के देवता कुबेर भगवान की पूजा करते है | धनतेरस के दिन खरीदारी के अलावा दीपदान का भी विशेष महत्त्व माना जाता है |
धनतेरस के दिन यम दीपदान
धनतेरस के दिन अकाल मृत्यु का भय दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है | इस दिन यमदीपदान जरुर करना चाहिए |
ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है | पुरे वर्ष में एक मात्र यही वह दिन है , जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा सिर्फ दीपदान करने की जाती है | कुछ लोग नरक चतुर्दशी के दिन भी दीपदान करते है |
स्कंद्पुराण में लिखा है ..
कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे ।
यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति ।।
अर्थात कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन सायंकाल में घर के बाहर यमदेव के उद्देश्य से दीप से अपमृत्यु का निवारण होता है |