गरमपानी (नैनीताल)। भवाली-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित काकड़ीघाट में स्वयंसेवी संस्था हिमालयन फ्लेवर्स के तैयार नूण (नमक) की मांग अब प्रदेश भर में होने लगी है। यह संस्था कई प्रकार के पहाड़ी नूण को सिल पर पीस कर तैयार करती है। नूण की बिक्री से संस्था से जुड़े लोगों की आजीविका चल रही है।
संस्था के सचिव संदीप पांडे और अध्यक्ष सौरभ पंत ने बताया कि काकड़ीघाट केंद्र की तरह पहाड़ के और जिलों में भी केंद्रों पर सिलबट्टे से नूण तैयार किया जा रहा है। काकड़ीघाट के पर्यटक सूचना केंद्र पर साल 2013 में नूण तैयार करने की शुरुआत हुई थी। आज संस्था 27 प्रकार के नूण तैयार करती है। जिसमें लाल, हरी और काली मिर्च, लहसुन, हींग, जीरा, तिल, भंगीरा, हरा धनिया, भुनी मिर्च, कालाजीरा, अलसी, दैण, मिक्स मसाले, भांग, तिमुर, राई, पुुदीना आदि से तैयार नूण शामिल हैं।
बढ़ती मांग को देखते हुए संस्था ने अब 52 प्रकार के नूण तैयार करने की ओर काम शुरू किया है। संस्था का मुख्य उद्देश्य आसपास के लोगों को रोजगार दिलवाकर पलायन रोकना है। संस्था के सचिव ने बताया कि काकड़ीघाट केंद्र को आधुनिक बनाकर यहां पर करीब 20 और लोगों को रोजगार दिया जाएगा। इसके संबंध में स्थानीय लोग केंद्र में जाकर जानकारी ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि जब केंद्र शुरू हुआ था तब मात्र 1800 रुपये की आमदनी हुई थी लेकिन अब कारोबार 30 लाख रुपये तक पहुंच गया है। अगर सरकार से आर्थिक सहायता मिलती है तो पहाड़ी नूण को उत्तराखंड का ब्रांड बनाया जा सकता है।